बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार की किसानों से वादा खिलाफी धान खरीदी में अव्यवस्था को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने आज 13 जनवरी बुधवार को बिलासपुर जिले के विधानसभा क्षेत्र बिलासपुर, बिल्हा, मस्तूरी, बेलतरा, तखतपुर, कोटा में दोपहर 12 बजे सायं 4 बजे तक धरना प्रदर्शन किया। धरना प्रदर्शन पश्चात महामहिम राज्यपाल महोदया छत्तीसगढ़ प्रदेश के नाम अनुविभागीय अधिकारी के मार्फत ज्ञापन सौंपा।
बिल्हा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष छत्तीसगढ़ विधानसभा धरमलाल कौशिक, भाजपा प्रदेश महामंत्री भूपेन्द्र सवन्नी, बिलासपुर विधानसभा में पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष रामदेव कुमावत, मस्तूरी विधानसभा में मस्तूरी विधायक डॉ.कृष्णमूर्ति बांधी एवं भाजपा जिला उपाध्यक्ष किशोर राय, बेलतरा विधानसभा में बेलतरा विधायक रजनीश सिंह, भाजपा जिला मंत्री अवधेश अग्रवाल, तखतपुर विधानसभा में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य हर्षिता पाण्डेय, भाजपा जिला महामंत्री घनश्याम कौशिक, कोटा विधानसभा में पूर्व सांसद लखनलाल साहू, किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष डॉ.सुनील जायसवाल, कांशी साहू ने संबोधित करते हुए कहा कि दो साल में विफलता के सारे कीर्तिमान हासिल कर चुकी छत्तीसगढ़ में बैठी कांग्रेस की सरकार किसान विरोधी हैं और देश के किसानों के साथ लगातार अन्याय कर रही हैं। हालात इतने खराब हैं कि मुख्यमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष के क्षेत्र में भी किसान आत्महत्या कर रहे हैं। कांग्रेस ने वादाखिलाफी और विश्वासघात का रोज नया रिकॉर्ड बनाते आ रही है। कांग्रेस को यह ध्यान रखना होगा कि जो किसान बोना जानता है वह काटना भी जानता है। आज तक पिछले वर्ष के धान की कीमत का पूरा भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। वर्तमान में भी 20-20 दिन बीत जाने पर भी किसानों के खातों में एक पैसा नहीं पहुंचा। रमन सिंह सरकार में 3 से 4 दिन में और कभी तो 24 घण्टे के अंदर किसान के घर पहुंचने से पहले किसान के खाते में राशि पहुंच जाती थी। दो वर्ष के बोनस आदि की तो अब ये बात भी करना नहीं चाहते हैं। मंडी टैक्स खत्म करने का वादा किया था, अब उलटे वह टैक्स भी बढ़ा दिया। सबसे बड़ा घोटाला यह सरकार बारदाना के नाम पर कर रही है। उसके बहाना धान खरीदी से बचना चाहती है। विधानसभा में जवाव देते हुए सरकार ने कहा था कि प्रदेश में इस सीजन में कुल 4 लाख 45 हजार गठान (प्रति गठान 500 बारदाना) की जरुरत होती है जिसमें 3 लाख 30 हजार बारदाना उपलब्ध है और 1 लाख 15 हजार बारदाने गठान की जरूरत होगी। समय रहते उससे संबंधित कुछ भी नहीं किया सरकार ने। आज हालात यह है कि किसान खुद 30 से 40 रूपये में बारदाना खरींदने को मजबूर हैं। किसानों का धान खरीदने से बचने के लिए तरह-तरह के हठकंडे अपना रही है। खुद प्लास्टिक का बोरा इस्तेमाल करती है और किसानों से जूट का बोरा लाने को कह रही है एवं किसानों को 30 रूपये में जूट बोरा खरीदना पड़ रहा है। सरकार द्वारा 15 रूपये भुगतान किया जा रहा है। कांग्रेस ने जब अपने चुनावी घोषणा पत्र में लोकलुभावन वादे किए थे तब छत्तीसगढ़ प्रदेश की जिम्मेदार मीडिया ने उनसे सवाल किया था कि कैसे करेंगे वादे पूरे तब कांग्रेस का जवाब था हम नए संसाधन और अवसर लाएंगे उससे व्यवस्था कर वादे पूरे करेंगे। आज मानो प्रदेश सरकार केंद्र सरकार के ही भरोसे अपने लोकलुभावन वादे पूरे करना चाहती हैं। छत्तीसगढ़ के किसानां का गिरदावरी रिपोर्ट के माध्यम से रकबा कम करने का षडयंत्र किया जा रहा हैं, जिसके पीछे धान खरीदी से बचना और कम धान खरीदी की मंशा है। इसका सबसे बड़ा उदहारण है कि रकबा कम होने के कारण खुद कांग्रेस अध्यक्ष के क्षेत्र में किसान धनीराम ने आत्महत्या की। किसान आत्म हत्या करने मजबूर हो रहे हैं और प्रदेश की संवेदनहीन सरकार आत्महत्या करने वाले किसानों को मानसिक रोगी बताती हैं। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ में 233 कृषक और खेतिहरों ने 2019 में आत्महत्या की हैं। बीते दिनों भी लगातार प्रदेश के किसानों ने आत्महत्या कर ली और रकबा कम करने वाली असंवेदनशील किसान विरोधी सरकार राजनीति में व्यस्त है। किसानों को 25 लाख रुपया प्रति किसान मुआवजा दे सरकार। साथ ही रकबे कम करने से हुए नुकसान की भरपाई करे। छत्तीसगढ़ की जनता को ऋण ले कर कर्जदार बनाने वाली सरकार आज अपने वादों से और धान खरीदी से भागना चाहती हैं और इसी लिए कभी केंद्र सरकार पर तो कभी भाजपा पर बेबुनियाद आरोप लगा कर बचना चाहती हैं। देर से धान खरीदी कर इसने कम धान खरीदने की साजिश रची। इसी का परिणाम है कि धान के कटोरे का किसान अभी भी दर-दर भटक रहा है जबकि कांग्रेस शासित पंजाब में ही कुल खरीदी का 54 प्रतिशत धान खरीदा गया है।एक महीना विलंब से धान खरीदी करना छत्तीसगढ़ के भोले भाले किसानों के खिलाफ कांग्रेस द्वारा अपने व्यापारी, बिचौलिए दलाल मित्रों को लाभ पहुंचाने का षडयंत्र है। छत्तीसगढ़ सरकार बारदाने का बहाना बना केंद्र सरकार पर ठीकरा फोड़ने का प्रयास कर रहे हैं जबकि सच्चाई यह हैं कि बारदाना के व्यवस्था की सम्पूर्ण जवाबदारी राज्य सरकार की है। राजीव गांधी न्याय योजना के नाम पर छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ किस्तों में भुगतान का अन्याय करने वाली कांग्रेस किस मुह से केंद्र सरकार पर आरोप लगा रही है। केंद्र की नरेंद्र मोदी जी की सरकार छत्तीसगढ़ प्रदेश के किसानों के हित में पिछले वर्ष की तुलना में अधिक चावल खरीद रही है तो कांग्रेस को क्या तकलीफ है? छत्तीसगढ़ में बैठी कांग्रेस की सरकार किसानों का धान खरीदना ही नहीं चाहती और धान खरीदी में बहानेबाजी करने वाली सरकार के जब सारे बहाने खत्म हो गए तब केंद्र द्वारा अधिक चावल के लिए सैद्धान्तिक सहमति और 9 हजार करोड़ के भुगतान के बाद भी केंद्र और राज्य सरकार के बीच लोकतांत्रिक व्यवस्था और विश्वास को झूठा साबित करने का प्रयास छत्तीसगढ़ सरकार कर रही है। चावल जमा करने के कोटे में कटौती को लेकर मिथ्या प्रलाप कर रही हैं कांग्रेस जबकि सच तो यह है कि खुद कांग्रेस अध्यक्ष ने स्वीकार किया है कि पिछली सीजन का ही 2 लाख टन चावल अभी तक जमा नहीं करा सकी है। सैद्धान्तिक सहमति के बाद केंद्र सरकार द्वारा जब 24 लाख मीट्रिक टन के एफसीआई में सहमति मिली तब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी धन्यवाद ज्ञापित करते हैं वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम जी मिथ्या आरोप लगाते हैं। वर्तमान और पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के बीच समन्वय का आभाव हैं या श्री मरकाम जी भी ढाई साल पूर्ण होने का इंतजार कर रहे हैं। प्रदेश में अनेक संग्रहण केंद्रों का ताला नहीं खोला गया हैं। पिछले साल का ट्रांसपोर्टरों का भुगतान नहीं किया गया है। एफसीआई में उठाव का बहाना बनाने वाली छत्तीसगढ़ सरकार में इच्छा शक्ति का आभाव हैं। छत्तीसगढ़ में लगभग 22 लाख मीट्रिक टन चावल की आवश्यकता पीडीएस के लिए होती हैं और यह चावल नान के गोडाउन में रखा जाता हैं। यदि सरकार चाहे तो लगभग 30 लाख मीट्रिक टन की मिलिंग कर चावल नान के गोडाउन में रख कर ओवरफ्लो का बहाना बंद करे। एफसीआई में 24 लाख मीट्रिक टन और मिलिंग में 30 लाख मीट्रिक टन कुल 54 लाख मीट्रिक टन का तत्काल समाधान किया जा सकता है। बहानेबाजी करने वाले, बार बार बयान बदलने वाले, पत्र लिख कर राजनीति करने वाले, ट्वीट-ट्वीट खेलने वाले, अपनी नाकामियों का ठीकरा केंद्र सरकार पर मढ़ने का प्रयत्न करने वाले और अपने आपको किसान बताने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को किसान हित में निर्णय करना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ खड़ी हैं और देश सरकार की बहानेबाजी, षड़यंत्र और वादा खिलाफी को बर्दाश्त करने वाली नहीं हैं। भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ सरकार की वादा खिलाफी, धान खरीदी में अव्यवस्था, रकबा कटौती जैसे किसान विरोधी कृत्यों के खिलाफ प्रदर्शन करती रहेगी। भारतीय जनता पार्टी आज 13 जनवरी को प्रदेशभर में विधानसभा स्तरीय प्रदर्शन के बाद इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी प्रदेश सरकार के खिलाफ 22 जनवरी को जिला स्तरीय प्रदर्शन करेगी। प्रदर्शन के बाद भारतीय जनता पार्टी राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपेगी। किसी कीमत पर किसानों से अन्याय भाजपा सहन नहीं करेगी।
भारतीय जनता पार्टी जिलाध्यक्ष रामदेव कुमावत ने बताया कि विधानसभा स्तर पर धरना प्रदर्शन पश्चात रैली के रूप में किसानों के साथ भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने जाकर अनुविभागीय अधिकारी के मार्फत राज्यपाल छत्तीसगढ़ प्रदेश के नाम ज्ञापन सौंपा।