नई दिल्ली। फिल्मी दुनिया में पहले भी कई बड़ी हस्तियों ने खुदकुशी की लेकिन सुशांत जैसी रहस्यमय गुत्थी कभी नहीं उलझी। सुशांत की मौत पहले केवल खुदकुशी लग रही थी। लेकिन अब उसमें इतने टर्न और ट्विस्ट आ गये हैं कि इससे किसी बड़ी साजिश की बू आने लगी है। सुशांत की मौत अब एक ऐसी रहस्यकथा के रूप में सामने आ रही है जिसको लेकर लोग अपनी जिज्ञाषा रोक नहीं पा रहे हैं। 50 दिन बाद भी लोगों की इस खबर में दिलचस्पी बनी हुई है। 8 जून के बाद भारत में कई बड़ी घटनाएं हुईं लेकिन सुशांत का मामला खबरों की फेहरिस्त में अभी भी सबसे ऊपर है। सुशांत मामले में घटनाक्रम इतनी तेजी से बदल रहे हैं जैसे कि वह अगाथा क्रिस्टी का कोई जासूसी उपन्यास हो।
सुशांत की मौत फिल्मी दुनिया की सबसे रहस्यमयी घटना के रूप में सामने आ रही है। इसका सारा श्रेय पटना के FIR को दिया जाना चाहिए। पटना पुलिस की जैसे ही इस मामले में इंट्री हुई रहस्य की परतें एक-एक कर उधड़ने लगीं। अगर पटना में FIR दर्ज नहीं हुआ होता को ईडी भी इस मामले में नहीं कूदा होता। आज ईडी की पूछताछ में रोज नये-नये खुलासे हो रहे हैं।
मुम्बई पुलिस का सबसे बड़ा झूठ !
बिहार पुलिस ने ही सबसे पहले इस बात को स्थापित किया था कि सुशांत सुसाइड केस के तार दिशा सालियान की मौत से जुड़े हुए हैं। बिहार पुलिस ने जब दिशा सालियान की मौत का सच जानना चाहा तो मुम्बई के मालवानी थाना ने केस फोल्डर डिलीट होने का बहाना बना दिया। मुम्बई पुलिस करीब 55 दिन तक दिशा सालियान की पोस्टमार्टम रिपोर्ट को छिपाये रखा। लेकिन रिपब्लिक टीवी की खोजी पत्रकारिता ने मुम्बई पुलिस के नापाक मंसूबों पर पानी फेर दिया। उसने दिशा सालियान की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक कर ऐसा बड़ा धमाका किया कि लोग हैरान रहे गये। दिशा सालियान के साथ जो हुआ वो बहुत बुरा हुआ। उसकी शान में कोई गुस्ताखी किसी को पसंद नहीं। लोगों को दिशा के मात-पिता से भी सहानुभूति है। लेकिन अगर किसी कड़वे सच से दिशा के गुनहगारों को सजा मिलती है तो इसे कहना चाहिए। रिपबव्लिक टीवी ने दिशा सालियान की जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक की है उसके मुताबिक जब दिशा की लाश मिली थी तब उसके शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के एक कॉलम में कपड़ों की स्थिति बतानी होती है। इस कॉलम में लिखा है- न्यूड बॉडी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर बोरीवली हेल्थ सेंटर के डॉ. जाधव के दस्तखत हैं। मुम्बई पुलिस ने ये बात छिपा ली कि दिशा के शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था। शक की गुंजाइश रहते हुए भी उसने दिशा की मौत को सुसाइड बता दिया। जांच के नाम पर कुछ दिन खानापूर्ति हुई और फिर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। क्या ऐसा भी होता है कि कोई लड़की खुदकुशी से पहले अपने सारे कपड़े उतार दे और रात के दो बजे बिल्डिंग की 14वीं मंजिल से नीचे छलांग लगा दे ? मुम्बई पुलिस का सबसे बड़ा झूठ पकड़ा गया। बिहार पुलिस को जिस बात का शक था आखिर उसकी तस्दीक हो गयी।

सुशांत- दिशा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट शक के दायरे में
दिशा सालियान की मौत 8 जून की रात करीब दो बजे हुई थी। मुम्बई पुलिस ने उसका पोस्टमार्टम कराया 11 जून को । पोस्टमार्टम में इतनी देर क्यों हुई ? क्या उसके शरीर से किसी और सबूत के खत्म होने का इंतजार किया गया ? इस सवाल के जवाब में मुम्बई पुलिस का कहना है कि कोरोना टेस्ट के इंतजार की वजह से पोस्टमार्टम में देर हुई। दूसरी तरफ सुशांत के पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर भी शक जाहिर किया जा रहा है। सुशांत की मौत 14 जून को दोपहर में हुई थी। 14 जून की रात ग्यारह से साढ़े बारह के बीच उनका पोस्टमार्टम कर दिया गया। कानून के मुताबिक कोई पोस्टमार्टम सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे के बीच दिन के उजाले में किया जाना चाहिए। रात में पोस्टमार्टम तभी किया जाता है जब इसके लिए मजिस्ट्रेट से मंजूरी हासिल होती है। दूसरी बात ये है कि जब दिशा सालियन की पोस्टमार्टम कोरोना को लेकर रोकी गयी तो सुशांत की क्यों नहीं ? सुशांत का पोस्टमार्टम जल्द क्यों किया गया ? बिहार पुलिस को सुशांत के पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर भी शक था। उसने इसकी जांच शुरू की थी लेकिन मुम्बई पुलिस सहयोग ही नहीं किया। सुशांत की मौत के समय उसके फ्लैट में मौजूद सिद्धार्थ पिठानी और दीपेश सावंत के बार-बार बयान बदलने से शक और गहरा गया है। सुशांत बॉलीवुड के हिट हीरो थे। इतनी बड़ी शख्सियत के पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी क्यों नहीं की गयी ?

सुशांत को कौन धमकी दे रहा था ?
सुशांत सिंह राजपूत को इंसाफ दिलाने का अभियान चला रहे एक्टिविस्ट प्रशांत कुमार का कहना है कि जिस दिन दिशा की मौत हुई थी उससे कुछ पहले उसने सुशांत को फोन किया था। प्रशांत के मुताबिक ये जानकारी दिशा के एक दोस्त ने उन्हें दी थी। दिशा के मित्र ने प्रशांत को बताया था कि 8 जून की रात को दिशा एक पार्टी में गयी थी जिसमें कई बड़े लोग और नेता भी शामिल हुए थे। पार्टी में दिशा के साथ बदसलूकी की गयी थी जिसके बारे उसने रात को ही सुशांत को इसके बारे में बताया था। सुशांत ने दिशा को वहां से निकलने के लिए कहा और मदद करने की बात कही। लेकिन कुछ देर बाद सुशांत के दोस्त संदीप सिंह ने फोन कर बताया कि दिशा ने सुसाइड कर ली है। तब सुशांत ने कहा कि लेकिन दिशा ने तो ऐसा सोचा ही नहीं था। संदीप का कहना है कि इससे पता चलता है कि सुशांत की दिशा से बात हुई थी और वे दिशा के मन:स्थिति से वाकिफ थे। इस मामले में तब और गुत्थी उलझ गयी जब सुशांत की पारिवारिक मित्र स्मिता पारिख ने नया खुलास कर दिया। स्मित के मुताबिक, दिशा की मौत के बाद सुशांत बहुत डर गये थे। परेशानी की हालत में उन्होंने अपनी बहन मितू से कहा था, वे लोग मुझे छोड़ेंगे नहीं। सुशांत किस ‘वे लोग’ की बात कर रहे थे ये स्पष्ट नहीं है। इसके बाद सुशांत डरे सहमे रहने लगे। आरोप है कि सुशांत को धमकियां भी दी जा रही थीं। फिर 14 जून को खबर मिली कि सुशांत ने फंदे से झूल कर खुदकुशी कर ली। सुशांत की बॉडी को किसी ने फंदे से झूलते हुए नहीं देखा। कई ऐसे सवाल हैं जिनकी वजह से सुशांत की मौत एक संदिग्ध घटना बन गयी है। सुशांत जिन ‘वे लोग’ के बारे में बात कर रहे थे क्या सीबीआइ उनके चेहरे से नकाब हटा पाएगी ?
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