वायु प्रदूषण बढ़ने की आशंका को देखते हुए समूचे एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने एक आदेश में कहा कि जिन शहरों में एम्बिएंट एयर क्वालिटी मॉडरेट है, वहां सिर्फ ग्रीन पटाखे ही बेचे जा सकते हैं। NGT के इस आदेश के साथ ही गुड़गांव, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद में भी पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लागू हो गया है। हरियाणा सरकार ने दो घंटे पटाखे जलाने की छूट दी थी जिसके बाद से कन्फ्यूजन की स्थिति थी कि यह छूट गुड़गांव में मिलेगी या नहीं।
अब दिल्ली में एक पटाखा (Firecracker) भी फोड़ा तो 6 साल तक की जेल हो सकती है. इतना ही नहीं पटाखों से प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ दिल्ली सरकार एयर एक्ट के तहत कार्रवाई करेगी. Air Act के तहत ही एफआईआर (FIR) दर्ज होगी. आपको भारी जुर्माना भी देना पड़ेगा. मजिस्ट्रेट के पास ये अधिकार होगा कि वो आर्थिक दण्ड देने के साथ-साथ दोषी को कम से कम डेढ़ साल और अधिक से अधिक 6 साल तक की सजा दे सकता है.
दिल्ली सरकार (Delhi Government) के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पुलिस (Police) अधिकारियों, नगर निगम, परिवहन विभाग और जिला अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की. जिसमें ये फैसले लिए गए.
दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का कहना है, ‘दिल्ली के लोगों से मेरा निवेदन है कि बात सिर्फ जुर्माने की नहीं है, बल्कि यह दिल्ली के लोगों की जिंदगी की है. एनजीटी के आदेश के अनुसार, दिल्ली उस जोन में है, जहां पर प्रदूषण काफी ज्यादा बढ़ा हुआ है. यहां कोरोना के केस भी काफी ज्यादा बढ़े हुए हैं. इसलिए सरकार ने पहले ग्रीन पटाखों की अनुमति दी थी, लेकिन कोरोना के केस लगातार बढ़ने की वजह से लोगों की जिदंगी के ऊपर जो खतरा मंढ़रा रहा है, उसको लेकर यह निर्णय लिया गया कि दिल्ली के अंदर ग्रीन पटाखों को जलाने पर भी प्रतिबंध लगाया जाए.’
गोपाल राय ने कहा, ‘हमने रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ अभियान चला रखा है. इस अभियान में हम मोटरसाइकिल, टैक्सियों को भी नियंत्रित कर रहे हैं. वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार पहले ही काम कर रही है. इसके अलावा प्रदूषण के और भी जो स्त्रोत हैं, उनको भी कम करने के लिए हम काम कर रहे हैं.’