राजनांदगाँव :- धर्मनगरी डोंगरगढ में 2 मार्च को जिले के लोकप्रिय सांसद करेंगे प्रसाद योजना के कार्यो का भूमिपूजन
राजनांदगाँव से संतोष शर्मा की खास खबर जिले के लोकप्रिय सांसद संतोष पांडे जी की शानदार पहल से धर्म नगरी के विकास के लिए प्रसाद योजना का शुभारंभ 2 मार्च को सांसद के कर कमलों से किया जा रहा है जिसमें सांसद महोदय प्रसाद योजना के अनुरूप कार्यक्रमों का भूमि पूजन कर प्रसाद योजना का धर्मनगरी डोंगरगढ़ में शुभारंभ करेंगे ।। सांसद संतोष पांडे लगातार जिले के विकास के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं जिसमें आने वाले कुछ समय में जिले को केंद्र की नई योजनाएं मिलेगी जिससे राजनांदगांव जिले के साथ-साथ जिले के विकासखंड को भी प्राथमिकता दी जाएगी ।। *आइये जानते हैं क्या है प्रसाद योजना* *प्रसाद योजना का अभिप्राय* प्रसाद यानी तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन ड्राइव इस योजना की शुरुआत 2014-15 में की गई थी. आइये इस लेख के माध्यम से प्रसाद योजना को शुरू करने का उद्देश्य और अन्य तथ्यों के बारे में अध्ययन करते हैं ।। तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन ड्राइव (PRASAD) एक राष्ट्रीय मिशन है जिसे पर्यटन मंत्रालय द्वारा वर्ष 2014-15 में शुरू किया गया था. यह योजना शत प्रतिशत केन्द्रीय रूप से वित्त पोषित है ।। यह योजना धार्मिक पर्यटन अनुभव को समृद्ध करने के लिए देश भर के तीर्थ स्थलों की पहचान और विकास पर केंद्रित है. इसका मुख्य उद्देश्य पूर्ण धार्मिक पर्यटन अनुभव प्रदान कराना और साथ ही प्राथमिकता वाले और स्थायी तरीके से तीर्थ स्थलों का एकीकृत विकास करना है ।। प्रसाद योजना का उद्देश्य - स्थायी रूप से पर्यटन आकर्षण को बढ़ाना. - धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना ताकि रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में इसका प्रत्यक्ष और बहुमुखी प्रभाव पड़े. - स्थानीय कला, संस्कृति, हस्तकला, व्यंजन इत्यादि को बढ़ावा देना. - धार्मिक स्थलों में विश्वस्तरीय बुनियादी ढाँचा विकसित करना. - तीर्थस्थलों के विकास के लिए कम्युनिटी बेस्ड डेवलपमेंट और प्रो-पुअर (Pro-Poor) टूरिज्म कांसेप्ट का भी पालन करना. - पब्लिक कैपिटल से लाभ प्राप्त करना. - आय के स्रोतों में वृद्धि करना. - समग्र विकास के लिए क्षेत्र में पर्यटन के महत्व के बारे में स्थानीय समुदायों के बीच जागरूकता पैदा करना ।। *अन्य महत्वपूर्ण तथ्य इस प्रकार हैं:* योजना के मैनेजमेंट स्ट्रक्चर (Management Structure) में शामिल हैं: 1. National Steering Committee (NSC):मिशन के उद्देश्यों और योजना के विजन (Vision) को पूरा करना. यह योजना समग्र मार्गदर्शन, समीक्षा और निगरानी के लिए जिम्मेदार होगी. 2. Central Sanctioning & Monitoring Committee (CSMC): मिशन निदेशालय द्वारा प्रस्तुत परियोजनाओं को मंजूरी देने और कार्यान्वयन की प्रगति की नियमित निगरानी के लिए एक केंद्रीय मंजूरी और निगरानी समिति (CSMC) होगी. 3. Mission Directorate 4. Programme Management Consultant (PMC): यह मिशन डायरेक्टरेट द्वारा नियुक्त किया जाने वाला राष्ट्रीय स्तर का सलाहकार होगा. योजना के अंतर्गत शिमिल हुए 13 शहर इस प्रकार हैं: 1. कामाख्या (असम) 2. अमरावती (आंध्र प्रदेश) 3. द्वारका (गुजरात) 4. गया (बिहार) 5. अमृतसर (पंजाब) 6. अजमेर (राजस्थान) 7. पुरी (ओडिशा) 8. केदारनाथ (उत्तराखंड) 9. कांचीपुरम (तमिलनाडु) 10. वेलनकन्नी (तमिलनाडु) 11. वाराणसी (उत्तर प्रदेश) 12. मथुरा (उत्तर प्रदेश) 13. डोंगरगढ (छत्तीसगढ़) तो अब आपको प्रसाद योजना (PRASAD Scheme) के बारे में, इसके उद्देश्यों के बारे में ज्ञात हो गया होगा ।।