Bijapur Naxal Encounter: छ्त्तीसगढ़ के बीजापुर और सुकमा में नक्सलियों के साथ हुए मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हो गए. इस मुठभेड़ में एक जवान का अभी तक पता नहीं चल पाया है और वह गायब है. अब उस लापता जवान की बेटी का एक मार्मिक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में बेटी अपने पिता के जान की भीख मांगती दिख रही है.
#Bijapur #NaxalAttack में बंधक बनाए गए जवान की बेटी की आवाज़ सुनकर मन भावुक हो गया.
परिवार के दर्द की हम सिर्फ कल्पना ही कर सकते हैं…
उनकी सुरक्षित वापसी के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं. आपके पिताजी रक बहादुर योद्धा हैं बिटिया. आप भी उनकी तरह धैर्य और हिम्मत से काम लें… pic.twitter.com/8dwTw5xkj3— Dipanshu Kabra (@ipskabra) April 5, 2021
इस वायरल वीडियो में जवान की बेटी कहती सुनाई दे रही है कि नक्सल अंकल, प्लीज मेरे पापा को छोड़ दो. वायरल वीडियो को IPS ऑफिसर दीपांशु काबरा ने अपने ऑफिशियर ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किया है. वायरल वीडियो में लापता जवान की बेटी गुहार लगा रही है, “पापा की परी अपने पापा को बहुत मिस कर रही है. मैं अपने पापा से बहुत प्यार करती हूं. प्लीज नक्सल अंकल, मेरे पापा को घर भेज दो.
लापता जवान की बेटी का नाम राघवी है. वह पांच साल की है. वीडियो में आप देख सकते हैं कि राघवी की इस अपील के बाद वह और वहां मौजूद सभी लोग रोने लगते हैं. राघवी के अलावा उसकी मम्मी और जवान की पत्नी मीनू ने भी नक्सलियों से अपने पति को छोड़ने की अपील की है. बता दें कि लापता जवान CRPF कोबरा बटालियन में है और उनका नाम राकेश्वर सिंह मनहास कोथियन है, जो जम्मू कश्मीर के निवासी हैं.
जवान की पोस्टिंग इस समय छत्तीसगढ़ के बीजापुर में है. तीन दिन पहले शुरू हुए नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में वह भी शामिल थे. नक्सलियों के साथ मुठभेड़ के बाद वह लापता हो गए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सोमवार को नक्सलियों ने स्थानीय पत्रकारों को सूचना पहुंचाई की जवान उनके कब्जे में है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नक्सलियों ने कब्जे में लिए जवान को नुकसान न पहुंचाने की बात भी कही है. जवान को मुठभेड़ स्थल से थोड़ी दूर एक गांव में रखा गया है. इस गांव के आस-पास नक्सलियों की काफी मौजूदगी है. नक्सलियों ने कहा है कि जवान को जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा. सुरक्षा बलों के जवानों से नक्सली यह भी अपील कर रहे हैं कि वे आपरेशन प्रहार में शामिल न हों.
बताया जा रहा है कि फायरिंग के दौरान जवान के पास गोली खत्म हो गई थी. इसके बाद वह खुद को बचाने के लिए पहाड़ी के पास छिप गया था. इसके बाद जब फायरिंग रुकी तो वह रास्ता भटक गए और एक गांव की तरफ चले गए. गांव से ठीक पहले नक्सली संगठन के सदस्यों ने इस जवान को रोककर उसकी रायफल ले ली और जवान को नक्सलियों को सौंप दिया.